Saturday, July 27, 2024
Google search engine
HomeLocalमोदी-जयशंकरजी बचा लीजिए, रूसी सेना बॉर्डर पर भेज रही

मोदी-जयशंकरजी बचा लीजिए, रूसी सेना बॉर्डर पर भेज रही

‘हम लोग रशियन आर्मी में फंस गए हैं। ऊपर से ऑर्डर आया है कि हमें बॉर्डर पर जाना है। PM मोदी और जयशंकर सर से हमारी गुजारिश है कि हमें जल्द बाहर निकालें।’

जान बचाने की गुहार लगाने वाला एक मिनट 26 सेकेंड का ये वीडियो सैयद हुसैनी, समीर अहमद, मोहम्मद सूफियान ने 11 मार्च को अपने परिवार और दैनिक भास्कर को भेजा है। तीनों कर्नाटक के कलबुर्गी के रहने वाले हैं और नौकरी के लिए एजेंट के जरिए रूस गए थे। वहां उन्हें धोखे से आर्मी में भर्ती करा दिया गया। इस वीडियो में तीनों सेना की वर्दी में नजर आ रहे हैं।

नौकरी के लालच में फंसकर रूस जाने वाले सैयद, समीर और सूफियान अकेले नहीं हैं। कर्नाटक के अब्दुल नईम, UP के अरबान अहमद, कश्मीर के जहूर अहमद और आजाद यूसुफ, गुजरात के अश्विन, दिल्ली के हन्ना एलिस पीटरसन और आकाश हसन की भी यही कहानी है।

सभी को यू-ट्यूब चैनल बाबा व्लॉग्स के जरिए नौकरी ऑफर की गई थी। एक से डेढ़ लाख रुपए सैलरी बताई गई। सभी ने रूस जाने के लिए एजेंट को 3-3 लाख रुपए दिए। एग्रीमेंट हुआ और उन्हें सीधे यूक्रेन बॉर्डर पर ले जाकर छोड़ दिया गया।

दैनिक भास्कर इन लोगों की कहानी जानने हैदराबाद में असफान, कर्नाटक के कलबुर्गी में सैयद हुसैनी, मोहम्मद समीर अहमद, अब्दुल नईम और जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आजाद युसूफ के घर पहुंचा।

45 हजार की नौकरी के लिए रूस गए, एक महीने की ट्रेनिंग देकर लड़ने भेजा
मोहम्मद असफान उन 16 लड़कों में शामिल थे, जिन्हें हेल्पर और सिक्योरिटी गार्ड की जॉब के नाम पर रूस भेजा गया। उनका परिवार हैदराबाद के नामपल्ली में रहता है। यहां हम असफान के भाई इमरान से मिले।

इमरान बताते हैं, ‘अफसान ने यू-ट्यूब पर एक वीडियो देखा था। वीडियो में रूस में अच्छी नौकरी दिलाने की बात कही थी। अफसान ने बात की, सब तय हो गया तो वो पिछले साल नवंबर में रूस चला गया। वहां उसे धोखे से सेना में भर्ती कर यूक्रेन बॉर्डर पर भेज दिया। 31 दिसंबर तक हमारी उससे बात हुई, फिर कॉन्टैक्ट नहीं हुआ। 6 मार्च को किसी ने फोन करके बताया कि ड्रोन हमले में अफसान की मौत हो गई।’

इमरान को अब भी यकीन नहीं है कि उनका भाई नहीं रहा। वे कहते हैं कि मेरे पास भाई की मौत का कोई सबूत नहीं है। मुझे ऊपर वाले पर भरोसा है, यकीन है कि मेरा भाई जिंदा होगा।

इमरान कहते हैं, ‘वो परिवार को अच्छी जिंदगी देने के लिए देश छोड़कर गया था। उसे बाबा व्लॉग्स चैनल से नौकरी का पता चला था। ये चैनल दुबई से फैसल खान चलाता है। दिल्ली में पूजा और मुंबई में सूफियान उसके एजेंट हैं। चैनल पर पोस्ट वीडियो में फैसल कहता है कि रूस में हेल्पर की नौकरी करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं।’

‘वीडियो में कुछ नंबर होते हैं। असफान ने उसी नंबर पर फोन किया था। उसे 45 हजार की नौकरी ऑफर की गई। ये भी कहा कि बाद में 1 लाख रुपए सैलरी हो जाएगी।’

रशियन भाषा में लिखा एग्रीमेंट साइन कराया, समझ नहीं आया क्या लिखा है
इमरान आगे बताते हैं, ‘फैसल ने 32 लोगों को रूस भेजने का प्लान बनाया था। उसने सभी से 3-3 लाख रुपए लिए थे। पहले बैच में असफान के अलावा दो और लोग थे। उन्हें 9 नवंबर, 2023 को चेन्नई से शारजाह भेजा।’

‘शारजाह से 12 नवंबर को रूस की राजधानी मॉस्को ले गए। रूस में तीन एजेंट्स ने उन्हें रिसीव किया। 13 नवंबर को उनसे रशियन में लिखा एक एग्रीमेंट साइन करवाया। असफान समझ नहीं पाया कि एग्रीमेंट में क्या लिखा है। उसमें लिखा था कि वो अपनी मर्जी से सेना में शामिल हो रहा है।’

Source : Bhaskar

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments