लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले डॉ. मोहन यादव के कैबिनेट में आज आखिरी बैठक हो रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बैठक से पहले अपने संबोधन में कहा कि राज्य शासन के तीन माह (लगभग 100 दिन) वित्तीय दृष्टि से उपलब्धि पूर्ण रहे हैं। तमाम अटकलों के बावजूद राज्य शासन द्वारा कोई भी योजना बंद नहीं की गई है। राजस्व और पूंजीगत व्यय की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए राज्य शासन के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से अपने-अपने विभागों में चल रहे कार्यों की समीक्षा करने कहा। ताकि विकास कार्य रुके नहीं। बैठक के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि आज से प्रदेश में पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा और पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा शुरू हो रही है। धार्मिक योजना का केंद्र इंदौर रहेगा। इंदौर, उज्जैन और ओमकारेश्वर का एक सर्किट बनाया जा रहा है। यहां लोग हेलिकॉप्टर से धार्मिक यात्रा कर सकते हैं। अन्य स्थानों के लिए भी ये योजना जल्द शुरू की जाएगी।
छात्रावासों के हालत सुधारने मंत्रियों की समिति
बैठक में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रावासों की स्थिति जानने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक समिति का गठन किया गया है। ये समिति इन छात्रावासों का स्तर ठीक हो और वहां अच्छी गतिविथिया चलें। छात्रों को अच्छा माहौल मिले इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में मंत्री विजय शाह, निर्मला भूरिया और दिलीप अहिरवार को सदस्य बनाया गया है। ये तीनों अनुसूचिच जाति और जनजाति के छात्रावासों का अध्ययन कर वहां क्या अच्छा हो सकता है इसके सुझाब देगी।
आठ प्रतिशत महंगाई भत्ते पर चर्चा
इस बैठक में कर्मचारियों के पेंडिंग आठ प्रतिशत महंगाई भत्ते पर चर्चा हो सकती है। अगर आज मंजूरी नहीं मिली तो लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने पर इसके लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी। एमपी के कर्मचारियों के नौ माह से महंगाई भत्ता नहीं मिला है। ऐसे में उनको मिलने वाला एरियर भी अटका है और भत्ते के रूप में मिलने वाली हर माह की राशि भी नहीं मिल पा रही है। इसलिए कर्मचारी वर्ग आक्रोशित हैं और 15 मार्च को प्रदेश भर में ज्ञापन देने की रणनीति कर्मचारी संगठनों ने बनाई है। इसे देखते हुए महंगाई भत्ते को कैबिनेट में मंजूरी मिलने की संभावना है।