‘हम प्रधानमंत्री से मिलना चाहते थे ताकि अपनी तकलीफ बता सकें, लेकिन बस ड्राइवर ने हमें देर से पहुंचाया। 2 घंटे का सफर तय करने में साढ़े तीन घंटे लगा दिए। मैं रास्ता नहीं जानती थी। सिर्फ नदी के इस पार और उस पार ही गई हूं। इसलिए ज्यादा कुछ समझ नहीं सकी।’
ये आपबीती पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की एक विक्टिम की है। वे 85 किमी का सफर तय कर 6 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी की रैली में बारासात तो पहुंचीं, लेकिन उनसे मिल नहीं सकीं। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री से मिलवाने के लिए 9 विक्टिम की लिस्ट बनी थी। हमसे बात करने वाली विक्टिम का नाम भी इस लिस्ट में था।
सूत्रों ने बताया कि संदेशखाली की 9 विक्टिम में से सिर्फ 2 ही प्रधानमंत्री से मिल पाईं। वैसे प्रधानमंत्री से 5 महिलाओं ने मुलाकात की थी, लेकिन उनमें 3 महिलाएं विक्टिम्स की मददगार थीं।
BJP नेता बोले- विक्टिम को प्रधानमंत्री से मिलवाना है, पता नहीं था विक्टिम महिलाओं को PM की रैली में लाने का जिम्मा BJP नेताओं का था। इनमें से एक ने दैनिक भास्कर को बताया, ‘रैली में बहुत अव्यवस्था थी। संदेशखाली की सब महिलाएं रैली में समय से पहुंच भी नहीं सकीं।’
‘हमें रैली के बीच में ही अचानक सूचना मिली कि कुछ महिलाओं को प्रधानमंत्री से मिलवाना है। फिर भी हमने तुरंत व्यवस्था कर 5 महिलाओं को PM से मिलवाया।’
रैली से एक दिन पहले BJP नेताओं ने दावा किया था कि वे हर हाल में पीड़ित महिलाओं को रैली में लाकर रहेंगे।
संदेशखाली की वे विक्टिम, जो PM से नहीं मिल सकीं 6 मार्च को नॉर्थ 24 परगना जिले के बारासात में PM मोदी की रैली हुई थी। इसमें सुगंधा (बदला हुआ नाम) भी शामिल हुई थीं। हालांकि, वे प्रधानमंत्री से नहीं मिल पाईं। सुगंधा कहती हैं, ‘ड्राइवर ने हमें पूरा शहर घुमाया। बस को चेकिंग के नाम पर रास्ते में कई बार रोका गया। इसीलिए भी हमें देर हुई। हमने गाड़ी किराए पर ली थी और अब हमें लग रहा है कि ड्राइवर TMC का था।’
सुगंधा आगे कहती हैं, ‘मैंने टीवी पर सुना था कि मोदी जी ने रैली में सभी को बुलाया है। हम इसीलिए उनसे मिलने गए थे। सोचा था उन्हें बताएंगे कि संदेशखाली की औरतें बहुत मुश्किल में हैं। आप हमारी मदद करें।’
विक्टिम बोली- PM से नहीं मिल सके तो गुस्से में बैरिकेडिंग तोड़ी रैली में देर से पहुंचने और प्रधानमंत्री से न मिल पाने के सवाल पर सुगंधा कहती हैं, ‘हमें लगा कि मोदी जी के पास कैसे भी पहुंच जाएं। उसी गुस्से में हमने बैरिकेडिंग तोड़ दी।’
हालांकि, प्रधानमंत्री से न मिल पाने का सुगंधा का जो गुस्सा रैली के वक्त था, वो अब काफी हद तक खत्म हो गया है। वे आगे कहती हैं, ‘कोई बात नहीं, इस बार नहीं मिल पाए, लेकिन जब भी मोदी जी बंगाल में कहीं आएंगे, हम लोग वहां मिलने जरूर जाएंगे।’