रीवा के बहुचर्चित आबकारी विभाग के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज करने और सीबीआई जांच की मांग उठने लगी है। शिकायतकर्ता बीके माला ने कहा कि रीवा संभाग में आबकारी विभाग का एक मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। जो फर्जी बैंक गारंटी और घोटाले से जुड़ा हुआ है। जिसमें मोरबा और सिंगरौली से फर्जी बैंक गारंटी बनवाई गई थी।
जब मामले की जांच हुई तो जांच में दस्तावेजों को फर्जी पाया गया। इस संबंध में जांचकर्ता अधिकारी जांच रिपोर्ट कई महीनों पहले ही विभाग को सौंप चुके हैं। लेकिन आज तक दोषियों पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे मामले में जिला आबकारी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है। मामले में दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। बैंक गारंटी का फर्जी होना संदिग्धता का विषय नहीं है। बल्कि यह बात बैंक अधिकारियों के द्वारा किए गए जांच प्रतिवेदन में प्रमाणित हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अकेले रीवा संभाग में लगभग साढ़े दस करोड़ का घोटाला है। जिस पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।