मध्य प्रदेश के 12 लाख कर्मचारी-अधिकारी और पेंशनर्स 8 प्रतिशत महंगाई भत्ते (DA) की मांग को लेकर शुक्रवार को प्रदर्शन करेंगे। भोपाल में मंत्रालय के सामने 52 अधिकारी-कर्मचारी संगठन संयुक्त रूप से विरोध दर्ज कराएंगे। जिलों में भी कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
कर्मचारी संगठनों को उम्मीद थी कि गुरुवार को कैबिनेट बैठक में इस पर राज्य सरकार फैसला ले सकती है। कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने यह कहकर सरकार के इरादे जता दिए कि बैठक में इसको लेकर कोई प्रस्ताव नहीं था। ऐसे में महंगाई भत्ते पर फैसला होने का सवाल ही नहीं उठता।
अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का कहना है कि 23 फरवरी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा था। जिसमें केंद्र के समान 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिए जाने का अनुरोध किया था। पत्र में यह भी बताया था कि जल्द केंद्र सरकार 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिए जाने के आदेश जारी कर सकती है। इसके बाद केंद्र सरकार ने जनवरी 2024 से अपने कर्मचारियों को 50% महंगाई भत्ता दिए जाने के आदेश जारी कर दिए। इस आदेश के बाद एमपी के अधिकारी-कर्मचारी एवं पेंशनर्स को केंद्र के मुकाबले 8 प्रतिशत कम महंगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की मंगलवार को बैठक हुई थी। जिसमें शुक्रवार दोपहर 1 बजे से प्रदेश व्यापी प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है।
जनवरी 2023 के बाद नहीं मिला भत्ता
संगठनों ने बताया कि मध्य प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी एवं पेंशनर्स जनवरी 2023 की स्थिति में महंगाई भत्ता पा रहे हैं। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता कभी भी लग सकती है। लेकिन, मध्य प्रदेश सरकार ने महंगाई भत्ते के संबंध में कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया है। इस वजह से मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने बैठक में यह निर्णय लिया है कि जिला मुख्यालयों में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। भोपाल में मंत्रालय के सामने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजेंगे। जिसमें 15 मार्च से एरियर सहित 8 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिए जाने की मांग की जाएगी।