अनदेखी का नासूर, भोपाल में कैंसर मरीजों को अस्पतालों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें अब अन्य राज्यों में उपचार के लिए जाना पड़ रहा है। भोपाल में कोई डेडिकेटेड कैंसर अस्पताल नहीं है, जिससे मरीजों को और भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के बीच, ओडिशा में डेडिकेटेड कैंसर अस्पताल की योजना शुरू की गई है।
भोपाल में ब्रेस्ट, जीभ, और सर्वाइकल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन यहाँ कोई विशेष अस्पताल नहीं है जहाँ ये रोगियों का उपचार किया जा सके। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले 33.9% बढ़ रहे हैं, जबकि पुरुषों में मुँह कैंसर के मामले 16.3% बढ़ रहे हैं।
इस समस्या को हल करने के लिए, एक डेडिकेटेड कैंसर अस्पताल की आवश्यकता है जहाँ रोगी एक ही स्थान पर सभी जांचें और उपचार प्राप्त कर सकें। अस्पताल में उन्हें सीटी स्कैन, एमआरआई, पीईटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, और एक्स-रे की सुविधा मिलनी चाहिए, साथ ही उन्हें एडवांस जेनेटिक टेस्ट भी कराए जा सकें।