चीन ने गत सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे के खिलाफ आपत्ति जताई। पीएम मोदी ने यहां 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का उद्घाटन किया था। चीन ने दावा किया है कि अरुणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, “भारत ने एलएसी पर कदम बढ़ाकर तनाव को बढ़ाया है।”
वांग ने अरुणाचल प्रदेश को “जांगनान” बताया और कहा कि यह चीनी क्षेत्र है। “हमने कभी भी गैर-कानूनी तरीके से बसाए गए अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी। हम इसे विरोध करते हैं।” विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस स्थिति से सीमा पर विवाद बढ़ सकता है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने इसका जवाब दिया, कहते हुए, “अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का हिस्सा था, है और रहेगा।” प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि “ऐसे दौरों या विकास योजनाओं का विरोध नहीं किया जा सकता।”
सेला टनल का उद्घाटन पीएम मोदी ने 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के बैसाखी में सेला टनल का उद्घाटन किया। यह दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन टनल है, जिसकी लंबाई 1.5 किलोमीटर है। यह टनल भारत और चीन की सीमा से लगा हुआ है। इसका उद्घाटन भारतीय सेना के मूवमेंट को बेहतर बनाएगा।
चीन की टेंशन डिफेंस एक्सपर्ट मनोज जोशी के अनुसार, सेला टनल रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। यह चीनी सेना को LAC से साफ नजर आने देता है। इसी सेला पास से 1962 में चीनी सेना भारत में घुसी थी।