इंदौर के पास रहने वाली एक आशा कार्यकर्ता के साथ रेप की घटना घटी है। आरोपी धार का नाम गजेंद्र है। पहले तो आशा कार्यकर्ता डर और धमकी के चलते चुप रहीं, लेकिन बाद में आरोपी उसकी बहन के साथ भी गया। बाद में पीड़िता ने हिम्मत कर केस दर्ज किया।
चंदन नगर पुलिस के मुताबिक, घटना 15 दिन पुरानी है। आरोपी गजेंद्र कटारे और सखाराम भील के खिलाफ रेप और धमकाने के मामले में केस दर्ज किया गया है।
पीड़िता ने बताया कि वह आशा कार्यकर्ता के पद पर काम करती हैं। उसके दो बच्चे हैं। नावदा पंथ इलाके में उसकी बहन रहती हैं। जिसकी चार माह की बेटी है। पिछले दिनों उसकी तबीयत ठीक नहीं थी, तो मैं उसे देखने गई थी।
27 फरवरी को दोपहर 2 बजे तक वह बहन से बात कर रही थी। इस दौरान बहन ने मुझे कहा कि वह नजदीक की दुकान पर दूध लेने जा रही हैं। बेटी का ध्यान रखें। तब धार के भीकनखेड़ा में रहने वाला गजेंद्र कटारे और सखाराम भील वहां आए। दोनों ने जबरदस्ती घर में घुसा। सखाराम ने बाहर से कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। गजेंद्र ने चिल्लाने पर उसका मुंह दबा दिया और जान से मारने की धमकी दी।
इसके बाद आरोपी ने धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और जबरदस्ती करने लगा। मेरे चिल्लाने से नजदीक लेटी बन की चार माह की बेटी भी जोर-जोर से रोने लगी। मैं काफी डर गई। इसके बाद बाहर दरवाजा खोलने की आवाज आई। मेरी बहन अंदर आई तब मैं जमीन पर पड़ी रो रही थी।
गजेंद्र ने मुझे और मेरी बहन को धमकी दी कि यह बात किसी को बताई तो दोनों बच्चों सहित मार देगा। इसके बाद बहन को धक्का देकर भाग गया। मुझे नीचे गिरने से हाथ-पैर में चोट के निशान आ गए। मैंने बहन को पूरी घटना बताई। दीदी और मैं इस घटना से काफी डर गए। धमकी के चलते यह बात किसी को नहीं बताई।
बाइक से किया पीछा, धमकाया पीड़िता ने बताया कि 9 मार्च के दिन वह ड्यूटी करके स्कूटी से अपने घर जा रही थी। तब धार रोड पर गजेंद्र और सखाराम फिर पीछे पड़ गए। कमेंट करने लगे। इस हरकत से काफी डर गई। बाद में बहन को मामले की जानकारी दी। 12 मार्च को पति को पूरी बात बताई। उन्होंने पुलिस कार्रवाई करने की बात कही। बाद में बहन को साथ लेकर थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ शिकायत करने पहुंची।