2024 लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले, रात्रि में गृह मंत्रालय संशोधन अधिनियम (CAA) की अधिसूचना जारी कर सकता है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। CAA के ऑनलाइन पोर्टल को रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार किया गया है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका ड्राई रन भी कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, CAA इन पड़ोसी देशों के शरणार्थियों की मदद करेगा जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। अमित शाह ने दो महीने में दो बार कहा है कि CAA लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा।
वर्ष 2019 में लोकसभा और राज्यसभा से बिल पास हो चुका था। इसे 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में 125 वोटों के साथ मंजूरी मिली थी। देशभर में भारी विरोध के बीच बिल दोनों सदनों से पास हो गया था।
2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAA) पेश किया गया था जिसमें 1955 के कानून में कुछ बदलाव किए गए थे। इसके तहत भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देशों से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रावधानिकता थी।
CAA के अंतर्गत, 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि इन लोगों को भारत में निवास की अवधि पांच साल से अधिक रखनी चाहिए।
CAA के विरोध में बंगाल, पंजाब, राजस्थान और केरल समेत कई राज्यों में प्रस्ताव पारित हो चुके हैं। लोकसभा में आने से पहले ही इस बिल के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हुए और जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर भड़की हिंसा के बाद कई जानें गईं।