बिटकॉइन (BTC) ने सोमवार, 11 मार्च को अपनी कीमत को 71,000 डॉलर पार कर लिया। अमेरिका में दो महीने पहले 11 जनवरी को स्पॉट बिटकॉइन एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) को मंजूरी मिलने के बाद से इसमें लगातार तेजी देखी जा रही है।
तब बिटकॉइन की कीमत 46,000 डॉलर के करीब थी। इसका मतलब है कि तब से लेकर अब तक बिटकॉइन की कीमत 54% बढ़ चुकी है। बिटकॉइन की तेजी का पूरा असर क्रिप्टो मार्केट पर दिख रहा है। दूसरी बड़ी क्रिप्टो इथेरियम (ETH) भी 4,000 डॉलर के पार पहुंच गई है।
बिटकॉइन की बढ़ने के 4 कारण:
- स्पॉट बिटकॉइन ईटीएफ के आने के बाद से क्रिप्टो के लिए सेंटीमेंट पॉजिटिव हुए है।
- बिटकॉइन हाल्विंग इवेंट अप्रैल 2024 में हो सकता है, जिससे बिटकॉइन की सप्लाई कम होगी।
- निवेशकों की लगता है कि फेडरल रिजर्व अर्थव्यवस्था स्थिर होने पर ब्याज दरें बढ़ा सकता है।
- अमेरिका में बैंकिंग क्षेत्र की समस्याओं ने डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस की जरूरत पर फोकस बढ़ाया।
क्रिप्टो का भविष्य साफ नहीं, निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। बिटकॉइन समेत कई अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में तेजी नजर आ रही है, लेकिन इसका फ्यूचर अभी भी अनक्लीयर है। ऐसे में रिटेल इन्वेस्टर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाकर मौजूदा स्थिति से लाभ उठा सकते हैं, लेकिन उन्हें सतर्क रहने की भी जरूरत है।
बिटकॉइन और इथेरियम दोनों ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टो बिटकॉइन है, जिसे साल 2009 में एक एनोनिमस डेवलपर सतोशी नाकामोतो ने इंट्रोड्यूज किया था। इसके 6 साल बाद, यानी 2015 में, इथेरियम आया। इसमें बिटकॉइन की कमियों को दूर किया गया है और इसके जरिए स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट और डिसेंट्रेलाइज्ड ऐप्स भी बनाए जा सकते हैं।