न्यायालय सप्तम अपर सत्र में न्यायाधीश किरण कोल की अदालत ने धर्मांतरण के प्रयास के एक मामले में आरोपियों पति-पत्नी को 2-2 साल की सजा और 25-25 हजार रुपए का जुर्माना सुनाया। आरोपी दंपत्ति ने युवक को ईसाई धर्म अपनाने के लिए नौकरी के अलावा मासिक 20 हजार रुपए का लालच दिया था। मामला शहर के कैंट थाना क्षेत्र से संबंधित है। आरोपी आवेदक की पत्नी के रिश्तेदार हैं।
ईसाई धर्म ना अपनाने पर पति ने पत्नी को छोड़ने की धमकी दी थी। आरोपियों ने उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया। कोर्ट ने मामले में पेशकशकर्ता के साक्ष्य-सबूत और गवाहों के आधार पर मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3 और धारा 5 के तहत सजा और जुर्माना के आदान-प्रदान से आरोपियों को दंडित किया।
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि धर्मांतरण के मामले में ऐसी सजा और अधिकतम जुर्माने का प्रावधान पहली बार है। आरोपी पति रमेश और पत्नी सखी को 40-40 वर्ष की सजा और 25-25 हजार रुपए का जुर्माना दिया गया है। इस अपराध को कोर्ट ने क्षमा योग्य नहीं माना।
विपक्षी वकील का तर्क है कि आरोपियों की उम्र ध्यान में रखते हुए उन्हें नरम रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों ने धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला था। इसे लेकर दंड और सजा होनी चाहिए।