एक नाबालिग को अगवा कर बांदा-हमीरपुर और अहमदाबाद ले जाने और उसके साथ बलात्कार करने के एक मामले में नागौद की अदालत ने दुष्कर्मी को 20 साल की कैद और 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस वारदात और साजिश में दो महिलाओं समेत 6 लोग शामिल थे।
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नागौद सचिन शर्मा ने नाबालिग के अपहरण और बलात्कार के मामले में आरोपी मुकेश सिंह ठाकुर को दोषी करार दिया है। अदालत ने अभियुक्त मुकेश सिंह ठाकुर को आरोपी मुकेश सिंह ठाकुर को आईपीसी 366 में 3 साल के सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए जुर्माना, आईपीसी 368 सहपाठित धारा 366 में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए जुर्माना व आईपीसी 376(3) में 20 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 3 हजार रुपए के जुर्माना से दण्डित किया है। प्रकरण में मध्यप्रदेश राज्य की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक विनोद प्रताप सिंह ने की।
सहायक अभियोजन प्रवक्ता ने बताया कि 6 नवम्बर 2022 को 14 वर्षीय नाबालिग अपने घर से सिंहपुर केवाईसी कराने गई थी लेकिन लौट कर वापस घर नहीं आई। उसकी मां ने घटना की शिकायत सिंहपुर थाना में दर्ज कराते हुए आशंका जताई कि उसकी बेटी को किसी ने अगवा कर लिया है। पुलिस ने पीड़िता की तलाश की और 21 जनवरी 2023 को पीड़िता के मिलने पर उससे पूछताछ कर बयान दर्ज किए।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि सिंहपुर में उसे सीताराम शर्मा मिला था। सीताराम ने उसे नशीला लड्डू ख़िला दिया जिसके बाद मुकेश कोल निवासी अलकनंदा और धीरू नाम का युवक उसे बाइक में बैठा कर डढ़िया मोड़ ले गए। वहां मुकेश सिंह ठाकुर मौजूद था जो उसे बस में बैठा कर बांदा ले गया।
बांदा में नीरज सिंह भी मिला जिसके साथ मिलकर मुकेश सिंह उसे कारीमाटी हमीरपुर ले गया। हमीरपुर में मुकेश ठाकुर की बहन कंचन मिली जो उसे अहमदाबाद ले गई। अहमदाबाद में धीरू के अलावा उसकी पत्नी दीपा तथा सिंहपुर मव नशीला लड्डू खिलाने वाला सीताराम शर्मा भी मौजूद था। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि अहमदाबाद में उसके साथ दुष्कर्म हुआ।