Wednesday, October 9, 2024
Google search engine
HomeMadhya Pradeshnarmadapuramबाघ-पेंगोलिन तस्कर का पॉलिग्राफ टेस्ट

बाघ-पेंगोलिन तस्कर का पॉलिग्राफ टेस्ट

बाघ और पेंगोलिन की अंगों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ पॉलीग्राफ टेस्ट का आयोजन होगा। यह मामला 9 साल पुराना है। नर्मदापुरम की विशेष कोर्ट ने तस्कर को पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट के लिए अनुमति दी है। 23 मार्च तक गुजरात फॉरेंसिक लैब में टेस्ट कराया जाएगा। इस आरोपी को गुजरात ले जाने के लिए 10 मार्च को राज्य टाइगर स्ट्राइक फोर्स की टीम ने उसे गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति दार्जिलिंग के पास नेपाल के नक्सलबाड़ी क्षेत्र में गिरफ्तार किया गया था।

एसटीएफ ने इस व्यक्ति के खिलाफ पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग की मांग की थी। टेस्ट के बाद इसे नर्मदापुरम के केंद्रीय जेल में लाया जाएगा।

इस मामले पर आगे बढ़ते हुए, जुलाई 2015 में बाघ और पेंगोलिन की अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। 36 लोगों को आरोपी बताया गया था। इनमें अधिकांश लोग मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से थे। ये गिरोह बाघों की खाल, हड्डियां, चर्बी का तेल, नाखून, बाल और पेंगोलिन की स्केल बेचते थे। वे तस्करों को ये अंग अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचते थे। इस कांड के दौरान 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से दो की मौत हो चुकी है।

20 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने 27 आरोपियों को दोषी मानकर 5-5 साल की सजा सुनाई। मास्टरमाइंड और इंटरनेशनल तस्कर समेत 7 तस्कर फरार रहे। 24 जनवरी 2024 को ताशी शेरपा को नेपाल सीमा नक्सलबाड़ी के पास दार्जिलिंग से गिरफ्तार किया गया। 4 जनवरी 2024 को भी उसी जगह पर उसे गिरफ्तार किया गया था। 31 जनवरी को नर्मदापुरम की कोर्ट में पेश किया गया और उसे एक दिन की रिमांड पर लिया गया। रिमांड पूरी होने के बाद, उसे जेल में हिरासत में भेज दिया गया। अपर सत्र न्यायालय में उसकी जमानत याचिका की सुनवाई 6 मार्च को हुई, जिसमें जमानत को निरस्त कर दिया गया और पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट की अनुमति दी गई।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments