उन्होंने कहा, “मैं जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हूं, इसलिए कल (सोमवार) उसे स्वीकार नहीं किया है। मैंने मजदूरों की पहचान को लेकर अपने विभाग से प्रश्न किए हैं। यदि 2015 में उसी स्थान पर हादसा हुआ था, तो उस समय काम करने वाले मजदूरों की सूची क्यों नहीं थी? अभी तक पीड़ितों की संख्या अधिक बताई जा रही है।”
मजदूरों की संख्या केवल 32 है। सूची ही नहीं है, तो उनकी पुष्टि कैसे की जाए? वे घायलों से पूछकर उन्हें मजदूर बता रहे हैं, लेकिन यदि इंडस्ट्री में काम करने वालों की सूची नहीं है, तो न्याय की बात कैसे की जाएगी? इसलिए, मैंने पहले से ही रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है।
प्रहलाद पटेल ने बताया कि, “मैंने कहा है कि यदि कोई डॉक्यूमेंट उपलब्ध हो, तो उसे दिखाएं। 2015 में ऐसी ही घटना हुई थी, लेकिन फिर भी सूची नहीं थी। हमें अपने प्रबंधन को ध्यान में रखना होगा।”
भोपाल में जीवित लोगों को संबल योजना का लाभ दिए जाने पर भी मंत्री ने कहा, “मैंने कहा कि बिना पंचनामा के भुगतान कैसे हो सकता है? अगर हो सकता है, तो उस प्रक्रिया को बदला जाएगा। नगर निगम के 6 अधिकारियों को निलंबित किया गया है।”
मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि 1 अप्रैल, 2024 से मजदूरी की दरें बढ़ाई जाएंगी। इससे पहले 2014 में भी मजदूरी दरें बढ़ाई गई थी।